चिनोपोडियम एलबम
पर्यायवाची
सामान्य नाम
लैम्जक्वार्टरज,
कॉमन गूज फुट
बंगाली
हिन्दी
बाथु
ऊर्दू
बाथु, बथवा
व्याख्या
लैम्जक्वार्टरज एक वार्षिक, खड़ा, हल्का हरा, तीखी
गन्ध वाला खरपतवार है।
यह संसार में सबसे
अधिक वितरित अतः
नये इलाकों में
स्थापित होने में सबसे
सफल खरपतवार जातियों
में से एक है।
लिखित इतिहास के
पहले समय में इसे
काटकर इसके बीजों को
मनुष्य के उपयोग हेतु
इकट्ठा किया जाता था।
पौधा सामान्यतः हल्के
रंग का होता है।
क्योंकि इसमें सफेद आटे
जैसे रो मिलता था।
गोम विकसित हो
सकता है। इसका नाम “एलबम''
जिसका अर्थ “सफेद'' इसके
इसी गुण से सम्बन्धित
है। जब यह खुले
में उगता है तो
इसके तने का ऊपरी
भाग हल्के लाल या
बैंगनी रंग का हो
जाता है। इसकी मजबूत
मूसला जड़ें होती हैं।
पत्ते चौड़ाई की अपेक्षा
अधिक लम्बे, अलग-अलग आकार
व कम गहराई के
गोल हिस्सों में
बंटे हुए, जिन्हें हरी
सब्जी के लिए भी
प्रयोग में लाते हैं।
फूल घने गुच्छों जैसे
पत्ते की कांख में
तथा तने व शाखाओं
के शिखर पर लगे
होते हैं। इसके फल
दिखाई नहीं देते क्योंकि
वह पूरी तरह पुष्प
सम्बन्धी पत्रावरण से
ढ़के होते हैं।
जीव विज्ञान (वायोलोजी)
लैम्जक्वार्टरज एक वार्षिक जाति
है जो हमेशा बीज
से उत्पन्न होती
है। हर पौधा तीस
से चालीस हज+ार बीज
पैदा करता है लेकिन
बड़ा पौधा पचास हज+ार
तक बीज+ उत्पन्न कर
सकते हैं। बीज वितरण
पक्षियों या पानी द्वारा
होता है। इसके बीज
मिट्टी में ३० से
४० सालों तक जीवित
रह सकते हैं। मिट्टी
की ऊपरी सतह में
जो बीज होते हैं
केवल वही उगने में
सक्षम होते हैं। इसमें
बीज दो तरह के
होते हैं- एक जिनका
छिलका सख्त होता है
तथा मिश्रित अवस्था
में होते हैं तथा
दूसरे जिसका छिलका कोमल
होता है और तुरन्त
उग सकते हैं।
पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) एवं वितरण
एलबम
का उद्गम अनिश्चित है।
यह पौधा समुद्र तल
से लेकर ३६००
मी॰और
७०० उत्तरी कक्ष
से लेकर ५०० दक्षिणी
अक्ष तक पाया जाता
है। यह हल्की व
अच्छी निकासी वाली
मिट्टियों में अच्छा बढ़ता
है लेकिन रेगिस्तानी इलाकों
को छोड़कर सभी रहने
योग्य क्षेत्रों में
उग सकता है।
कष्टक
प्रभाव
(न्यूसीवीलाईट)
यह
जाति सामान्यतः सभी
फसलों में पाई जाती
है तथा बहुत हानिकारक
खरपतवारों में से एक
है जो पैदावार में
भारी गिरावट लाते
हैं। प्रचुर मात्रा
में बीज उत्पादन तथा
मिट्टी में लम्बी अवधि
तक जीवन योग्यता इसके
जीवित रहने व तेजी
से फैलने में सहायक
है। यह पानी और
पोषक तत्वों के
लिए फसल का प्रतिस्पर्धाई
होने के कारण हानिकारक
है।
खरपतवार प्रबन्धन
कर्षण
विधि
स्टेल बैड तकनीक यानि जुताई करके और पानी लगाकर खरपतवार को
उगने में सहायता करने के बाद और फसल बोने
से पहले फिर जुताई करना खरपतवार के भूमिगत बीज बैंक को कम करने का एक
अच्छा तरीका
हो सकता है। फसल बढ़बार के शुरुआती दौर में गुडाई करना या हाथ से उखाड़ना
भी
खरपतवार प्रकोप कम करने में सहायक होता है।
रासायनिक
उगने
के उपरान्त ५००
ग्रा॰/है॰ २,४-डी या
४ ग्रा॰/है॰
मेटसल्फ्यूरॉन डाल
कर इसे नियन्त्रित किया
जा सकता है।
वनस्पति विज्ञान (बॉटनी)
स्वभाव
वार्षिक
शाक,
पहले सफेद आटे जैसी
रोमिलता तथा बाद में
हल्का हरा, १० से
१०० सें॰
मी॰ ऊँचा बहुधा
बहुत शाखाओं वाला।
जड़ें
गहरी
मूसला जड़ें और शाखाओं
में विभाजित।
तना
सीधा
खड़ा,
बेलननूमा, कोबीय उन्नत रीढ़युक्त,
चिकना, शाखाओं युक्त प्रायः
लाली लिए हुए या
रीढ़वाला या गुलाबी, बैंगनी या
पीली धारीदार।
पत्तियाँ
सादी, क्रमवार,
अण्डाकार, भालेनूमा से विषमकोण
चतुर्भुज, अनियमित दांतेदार, कदाचित अखंडित,
बिना अनुपत्र व
लम्बा डण्ठल। पत्तियों
का आकार १.५ से
८ सें॰
मी॰ लम्बा और ३
सें॰ मी॰ चौड़ा भूरा हरा और
नीचे की सतह पर
सफेद चूरणीत, परन्तु कभी
कभार पटल दोनों तरफ
से हरे।
पुष्पक्रम (इनफलोरिकैन्स)
पत्ती
की कांख में तथा
तने और शाखाओं के
सिरे पर एक खूंटीनुमा
पुष्पगुच्छ, फूल शाखाओं पर
छोटे घने गुच्छों में।
फूल हरे, छोटे, बिना डण्ठल
के अनियमित खूंटीनुमा,
बिना पंखुड़ी वाले।
मूल में पांच बाह्यदल (सेपल्ज)
जो पके हुए फल
को लगभग पूरी तरह
ढ़के हुए।
पांच पुष्पकेसर,
एक गर्भकेसर, दो या
तीन वर्तिकायें।
एक-कोशिकीय अण्डाशय।
फल
चिकनी
और सफेद चूरणी छिल्के
वाले छोटी थैली जिसमें
केवल एक बीज होता
है।
बीज
लैन्स
के आकार का जिसके
किनारे दाँतेदार, ०.७ स
२ सें॰
मी॰ व्यास वाले चमकीले।
पौद् (सीडलिंग)
बीजपत्री
या
(पकने से पहले झड़नेवाली),
१० से १५ मि॰
मी॰
लम्बी तथा २ से
३ मि॰
मी॰ चौड़ी, मांशल, अण्डाकार फैला
हुआ,
छोटी डण्ठल युक्त। निचली
सतह बहुधा लाल-बैंगनी ऊपरी
सतह हरी या सफेद
चूरणीत। पहली पत्तियाँ अण्डाकार
फैली हुई, अखण्ड किनारे,
लगभग आमने-सामने तथा
बाद वाली पत्तियाँ क्रमवार।
युवा पत्तियों पर
सफेद मोम की तरह
मुलायम दाने।
टिप्पणी
संदर्भ
-
होल्म,
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