Amaranthus viridis L. - AMARANTHACEAE - Dicotyledon

अमॉरान्थस विरिडिस


Synonymes : Amaranthus gracilis Desf. ex Poir., Chenopodium caudatum Jacq., Euxolus caudatus Moq., Euxolus viridis L. Moq.

Common name : Pig weed
Common name in Bengali : Marissag, shak natey
Common name in Hindi : Jangali chaulai

Habit - © Juliana PROSPERI - CiradInflorescence - © Juliana PROSPERI - CiradLeaf - © Juliana PROSPERI - CiradLeaves tip with a mucro - © Juliana PROSPERI - CiradFlowers reduced and grouped in small balls - © Juliana PROSPERI - CiradTap root - © Juliana PROSPERI - CiradBotanical line drawing - © -

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पर्यायवाची

अमॉरान्थस गरैसीलिस डैस्फ, “चीनोपोडियम काऊडाटमजैक, “यूक्सोलस काऊडेटसमौक

सामान्य नाम

पिग बीड, स्लेन्डर अमॉरान्थ

बगाली

मारीसाग, मैथा खुईरी, नाटई, साक नोटई

हिन्दी

जंगली चौलाई

 

व्याख्या

अमॉरान्थस विरिडिस चौड़ी पत्ती का बहुवार्षिक खरपतवार है जिसकी ऊंचाई ७५-१०० सें॰ मी॰ तक होती है। इसका तना कोणीय तथा लालिमा युक्त हरे रंग का होता है। इसकी मूसला जड़ें (टैप रूट) गहरी होती हैं। पत्ते लम्बी डण्डी वाले तथा क्रमवार (आल्टरनेट) होते हैं। फूल हरे रंग के, छोटे तथा गेंदनुमा झुण्ड में होते हैं। इसके अर्धगोलाकार (सबग्लोवस) फल में एक भूरे या काले रंग का चमकीला बीज होता है।

 

जीव विज्ञान (बायोलोजी)

यह बहु-वार्षिक साक बीज द्वारा ही उत्पन होता है। एक पौधा ७००० तक बीज पैदा करता है जोकि हवा या पानी द्वाराफैलते/बिखरते हैं।

 

पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) एवं वितरण

इसका उद्गम स्थान पूर्वी एशिया है। यह संसार के अयनवृत एवं सब-अयनवृत क्षेत्रों में ऊंची भूमि में उगाये जाने वाले (अपलैण्ड़) धान में पाया जाता है। यह अच्छी निकासी वाली, उजाड़ जुताई वाली भूमि, विशेषता ज्वालामुखी से बनी भूमि में पाया जाता है। इसके पौधों की च्छी बढ़वार के लिए सामान्य पानी तथा उपजाऊ भूमि जोकि आर्गैनिक तत्व नत्रजन से भरपूर हो की आवश्यकता होती है पाकिस्तान में यह प्रजाति साई पंजाब प्रान्त में, परन्तु मुख्यतः सिचाई युक्त क्षेत्रों में पाई जाती है।

 

कष्टक प्रभाव (न्यूसीवीलाईट)

स्लेन्डर अमॉरान्थ को एक हानिकारक खरपतवार माना जाता है जो पैदावार से भारी गिरावट लाता है। इस का महत्व पाक-संबन्धी गुणों से अधिक खरपतवार के रूप में है।

 

खरपतवार प्रबन्धन

कर्षण विधि

स्टेल बैड तकनीक यानि जुताई करके और पानी लगाकर खरपतवार को उगने में सहायता करने  के बाद और फसल बोने से पहले फिर जुताई करना खरपतवार के भूमिगत बीज बैंक को कम करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। फसल बढ़बार के शुरुआती दौर में गुडाई करना या हाथ से उखाड़ना भी खरपतवार प्रकोप कम करने में सहायक हो सकता है।

जैविक

एक घुन (हाईपोलिकस्स ट्रनकुलेटस) जो भारत पाकिस्तान थाईलैंड में पाया जाता है तथा जिसके डिंब तने में छेद करके पित्त बनाते हैं इसको खाता है लेकिन इसका लम्बा जीवन चक्र तथा जनसंख्या को धीमी वृद्धि इसके जैविक नियन्त्रण के लिए प्रभावी होने में बाधक है। अधिक संख्या में हाइमेनिया रैकुरवालिस की सुंड़ियों का प्रकोप इस खरपतवार की पत्तियों को पूरी तरह खा जाती हैं। लेकिन यह सूंडियां क्योंकि कई सब्जियों पर भी पनपती हैं इसलिए प्रभावी रूप् से इन्हें भी जैविक नियन्त्रण हेतु प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।

रासायनिक

उगने के बाद इसे ५०० ग्राम प्रति हैक्टेयर २,-डी॰ या ४ ग्राम प्रति हैक्टेयर ऑलमिक्स से नियंन्त्रित किया जा सकता है। रोपित धान में व्यूटाक्लोर की १.० से १.५ किलोग्राम मात्रा प्रति हैक्टेयर उगने से पूर्व प्रयोग करने पर भी इसका प्रभावी नियन्त्रण हो जाता है।

वनस्पति विज्ञान (बॉटनी)

स्वभाव (प्रकृति)

यह एक बहुसाखीय खड़ा साक है।

जड़ें

एक या अनेक शाखाओं वाली मूसला जड़ें।

तना

तना पतला, गोलाकार (सिलेन्डरीकल) मुलायम धारीदार होता है।

पत्तियाँ

लम्बी डण्ठल युक्त, -१० सें॰ मी॰ लम्बी चौड़े आधार वाली क्रमवार पत्तियाँ, . से . सें॰ मी॰ चौड़ी, पतले गोल तीखे सिरे वाली हर पत्ती में से पार्च्च्व धमनियां जोकि पूरी तरह दिखाई देती हैं तथा ऊपर उठी हुई होती हैं। पत्ती की ऊपरी निचली सतह चिकनी एवं चित्तीदार होती हैं।

पुष्पक्रम (इनफलोरिसैंन्स)

तने के सिरे पर अकेला या शाखाओं वाला तथा पत्ती की दुरी में . से १२ सें॰ मी॰ लम्बा तथा से मि॰ मी॰ चौड़ा फूल बिना डण्डी के, छोटा, सॅंघना, हरे रंग का, सिट्टे के आकार का, सेपलस , मि॰ मी॰ लम्बी, सीधी या कटाव वाली, स्टैमन्ज , पिस्टीलेट पूल, सिट्टे के आधार पर स्टेमीनेट फूलों से अधिक मात्रा में। सिट्टे के ऊपरी हिस्से में स्टैमम्स वाले नर फूल होते हैं।

फल

इसका फल एक अस्फुटक अण्डाकार बीजकोष, . मि॰ मी॰ लम्बा और एक मि॰ मी॰ चौडा जिसमें एक बीज होता है। फल के ऊपरी हिस्से में छोटा वार्तिकाग्र होता है जो तीन हिस्सों में विभाजित होता है।

बीज

इसका बीज से .२५ मि॰ मी॰ व्यास वाला, भूरा या काला, चमकीला, थोड़ा पिचका हुआ, जालीदार तथा जाली की बनावट में थोड़ी अतिवृद्धि वाला होता है।

पौद् (सीडलिंग)

बीज पत्र रैखिक से भालाकार एवं डण्ढल युक्त । पटल १८ मि॰ मी॰ लम्बा और मि॰ मी॰ चौड़ा, चिकना, स्पष्ट नाड़ी बिना एवं निचली सतह बैंगनी हो सकती है । पहली पत्ती सरल, क्रमबार, लम्बी डण्ढल वाली। पटल पहले दीर्घवृताकार तथा बाद में अण्ड़ाकार । पटल का ऊपरी किनारा गहरा कटा हुआ। बीच वाली नाड़ी के अन्तिम छोर पर म्यूकरोन बना हुआ। निचली सतह साधारणतया बैंगनी ।

 

संदर्भ

-    ले बॉरजीओस टी., जेफरॉलट ., गरार्ड पी., करारा २०००, ऐडवनरन वी. . लेस परीम्सीपेज्ल माऊवेसस हर्बस डे ला रीयूनियन (सी. डी. रॉम) सीराड, एस पी वी। फ्रांस।

-    गाली नाटो एम., मूडी के., पिगिन सी. एम. १९९९ अपलैण्ड राइस वीडज ऑफ साऊथ एण्ड साऊथ ईस्ट एशिया। इररी। फिलीपीनज।

-    नाय्यर, एम.एम. आशिक एम. एण्ड अहमद जे. २००१ मैनुअल ऑन पंजाब वीडज (पार्ट-), डायरेकटोरेट ऑफ एगरोनॉमी। अयूब एगरी कल्चरल रिसर्च इन्टीटयूट फैसलाबाद, पाकिस्तान।

-    वाटर हाऊस डी॰ एफ. १९९४ वायोलोजिकल कन्ट्रोल ऑफ वीडज: साऊथ ईस्ट एशियन प्रौस्पेक्टस। सी आई आर मोनोग्राफ नम्वर २६, ३०२ पी. पी.


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