पर्यायवाची
सामान्य नाम
अंग्रेजी
वैच,
वाइल्ड वैच
बगांली
हिन्दी
चटरी,
गेगला
ऊर्दू
रेवारी
व्याख्या
वाइल्ड वैच एक वार्षिक शाख है जिसकी विभिन्न स्वभाव एवं ऊंचाई है। सामान्यतः ३०-१५० सै.मी०लम्बा होता है। इसका तना जब बड़ा होता है तो वह लम्बा पड़ा हुआ या ऊपर चढ़ने वाला होता है एवं जब छोटा होता है तो स्वयं सहारा लिए हुए होता है। पत्तियाँ जोडो में होती है जो कि आयताकार आकार की होती है। मिडरिब अक्सर छोटी पत्तियों के बाद भी बनी रहती है जो तन्तु बनाती है। फूल गहरे लाल रंग के अकेले या जुड़वा बिना डण्ठल के पत्ती की धुरियों में होते है। फल दबी हुई भूरी फलियों जिसमें बहुत से बीज होते है के रूप में होते है।
जीव विज्ञान
पारिस्थितिकी एवं वितरण
इस यूरोप की पैदायश का वितरण उत्तरी अफ्रीका एवं पश्चिमी एशिया में हुआ है। इसको चारे के रूप में उगाया जा सकता है या रेतीले अथवा सड़कों के किनारे जुते हुए खेतों में यह स्वेच्छा से उगता है।
कष्टक प्रभाव
पंजाब (पाकिस्तान) में यह अमुख्य शीतकालीन खरपतवार है।
खरपतवार प्रबन्धन
कर्षण विधि
फसल
बढ़बार के शुरुआती दौर में गुडाई करना या हाथ से उखाड़ना इसके प्रकोप को
कम
करने में सहायक होता है।
जैविक
रासायनिक
उगने
के पश्चात
इसे
५०० ग्रा॰/है॰
२,४
–डी॰ या ४ ग्रा॰/है॰
मैटस्ल्फयूरॉन
से नियंन्त्रित किया
जा सकता है।
वनस्पति विज्ञान
स्वभाव
जब बड़ा होता है तब ऊपर चढ़ने वाला या फैलने वाला होता है एवं छोटा होता है तो स्वयं सहारा लिए होता है।
जड़ें
तना
तना कोणीय प्रायः रोमिल।
पत्तियाँ
पत्तियाँ मिश्रित डण्ठल के दोनों ओर उगने वाली, कुछ बिना डण्ठल के विभक्त शिखर तन्तु के साथ होती हैं। हर एक पत्ती मेरूदण्ड (रैचिस) के दोनों ओर ३ से ७ छोटी पत्तियों के रूप में आयताकार, भाले की धार के आकार का या ओबोवेट होता है। अनुपत्र/निपत्र, नोकीले अण्डाकार होते हैं। निचली सतह पर एक गहरा चकता होता है। बहिः कर्ण (अयूरीकल) नोकीला या नोकीले खण्डों में बटा हुआ होता है।
पुष्पक्रम
पत्ती की धूरी में १ से ३ फूल, कम डण्ठल के साथ पुटचक्र नीचे की तरफ आधे रास्ते बटा होता है। दलपत्र चक्र लाल बैंगनी से नीले बैंगनी में बदलने वाला होता है।
फल
फली काफी दबी हुई, भीतर की ओर मुलायम सतह से ढका हुआ नहीं होता है। फलीयाँ ३ से ५ सै॰ मी॰ लम्बी व ४ से ७ मि॰ मी॰ चौडी होती हैं।
बीज
हर एक फली में ६ से ११ बीज होते हैं।
पौद्
(सीडलिंग)
टिप्पणी
संदर्भ
-
छोकर,
आर. एस., चौहन डी॰ एस., शर्मा आर.के., सिंह आर. के. एवं सिंह आर.पी. २००२, मेजर वीडज ऑफ व्हीट एण्ड देयर मैनेजमैण्ट। बुलेटिन न१३. डायरेक्टोरेट आफ व्हीट रिसर्च। हरियाणा, इण्डिया।