पर्यायवाची
"ट्राइऐन्थेमा लिट्टोरालिस"
कॉर्डम
सामान्य नाम
अंग्रेजी
हॉर्स
पर्सलेन,
कारपैट वीड
बंगाली
हिन्दी
सांठी,
पत्थरचट्टा
उर्दू
व्याख्या
हॉर्स पर्सलेन एक वार्षीय माँसल, जमीन पर लम्बा पडा हुआ से कमजोर ऊठा हुआ, आधार से अनेको शाखाये युक्त पौधा है। यह ३० से ५० सें॰ मी॰ ऊचाई तक पहुँच सकता है। तने महीन रोवें युक्त होते जिस सतहों पर प्रकाश पड़ाता है। पत्तियाँ साधारण होती है, अखंडित लेकिन आकार में असमान (एक छोटी पत्ती के सामने एक बड़ी)। हमेशा शाखाए और पुष्प एक दूसरी छोटी के आधार में विकसित होते है। पत्रफलक लटवाकार और मांसल होता है। फूल एकल, अवृत्त और तारे की आड्डति में, सफेद से भूरे गुलाबी और बहुत छोटे होते है। फल छोटे सम्पुटिका होते है। बीज गुर्दाकार, भूरे से काले।
जीव
विज्ञान
हार्स पर्सलेन एक वार्षिक या बहुवार्षिक पौधा है। इसका प्रवर्धन बीज द्वारा और तने के टूटे हुए भागो, जो कि काटने से प्रवर्धित होते है, के द्वारा बड़ी आसानी से होता है। भारत में टी. पोर्चूलेकसट्रम के दो जीव-प्रकार पाये जाते है। प्रारूषिक विवरण के अनुसार लाल जीवप्रकार जिसके पौधे काफी बड़े और लालिमा, लम्बे-पर्वो से युक्त तनें, और हरे और छोटे प्रकार के छोटे पर्व, फूूल हरे सपत्रों और फलियों युक्त और सफेद बाहृयदल युक्त होते है। लाल प्रकार काफी प्रचुरता में लेकिन हरे प्रकार का केवल )तु के प्रारम्भ में दिखाई पड़ता है।
पारिस्थितिकी
(इकोलॉजी)
एवं वितरण
टी. पोर्चूलाकासट्रम के उदगम केन्द्र के बारे में ज्ञात नही है और यह दक्षिणी-पूर्वी ऐशिया अमेरिका और अफ्रीका के कटिबन्धीय क्षेत्रो में व्यापक फैला हुआ है। यह समुन्द्र तल से ८०० मी॰तक के बलुई और ८०० मी॰तक के बलुई और कीचडदार तटवर्तीय क्षेत्रो का सामान्य खरपतवार है। दोनो लाल और हरी जीव प्रकार, भारत में आंभिक छायादार और उदासीन से क्षारीय मृदाओं, जोकि कार्बनिक पदार्थ में कम होती है, में अच्दी प्रकार उगती है।
कष्टक
प्रभाव
यह कृषित क्षेत्रों, बेकार स्थानों, सड़क के किनारो, घास के मैदानो में पाया जाता है, कभी-कभी यह बहुवर्षीय फसलों और चारागाहों में भी पाया जाता है। भारत में यह ऊपरी भूमियो वाले धान और सब्जी की खेती का सामान्य खरपतवार है।
खरपतवार प्रबन्धन
कर्षण विधि
जुताई
से इसका नियन्त्रण कठिन हो सकता है क्योंकि जीवन
चक्र कम अवधी का होने के कारण यह वर्ष में कई बार उगता है । परन्तू पानी
खड़ा रख
कर इसे
असरदार तरीके से नियन्त्रित किया जा सकता है।
जैविक
जिबागो-ट्राइऐन्थेमाए पत्ती लक्षणो का रोगकारक को ट्राइऐथेमा पोर्चूलाकासट्रम पर रोगीय पौधो से अमेरिका टैक्सास में अलग किया गया था। कोनिडिया के साथ छिड़काव करने से ९ दिनो के अन्दर पौधे मर जाते थे। केवल इऐन्थेमा पोर्चूलाकासट्रम के लिये यह कवक काफी लाभकारी हो सकता है।
रासायनिक
उगने के बाद
५०० ग्रा॰/है॰ २,४-डी॰ या ४ ग्रा॰/है॰ ऑलमिक्स या २ कि॰ग्रा॰/है॰
प्रोपेनिल
का प्रयोग करके इसे प्रभावी
रुप से नियन्त्रित किया जा सकता है ।
वनस्पति
विज्ञान
स्वभाव
प्रायः माँसल, जमीन पर लम्बे पडे हुए से सीधा और बहुत शाखाये, चटाईनुमा विकसित होने वाला पौधा है।
जड़ें
मूसला
जड़ें।
तना
बेलनाकार, पूरा मांसल, स्पष्ट रोयेंदार,अग्रभाग पर प्रकाश जैसे निकलने वाले होते है। तनो की लम्बाई एक मी॰तक होती है। यह प्रायः हल्के बैंगनी रंग के होते है, दूसरी शाखाये छोटी पत्तियों के प्रत्येक जोडे के अक्ष से निकलती है।
पत्तियाँ
साधारण, सम्मुख आधार से वृत बढ़ा हुआ, केन्द्र में एक बड़ा ऊपर निकला हुआ दाँतनुमा आन्तरिक सहपत्र, पत्तियों के जोडे आकार में बहुत असमान होते है। बड़े वाला एक २ से ४.५ सें॰ मी॰ लम्बा और १ से ३.५ सै.मी०चौड़ा, १ से २ सै.मी०तक वृत्त को लिये हुए होता है। इसका पत्रफलक दीर्घवृत्ताकार से अंडाकार, शिखर बहुत बड़े गोलाकार सहित, आधार निशिताग्र और वृत्त के ऊपरी भाग पर छोटे अधोयुक्त होते है। सिरे पूरेव हल्के लहरदार, छोटी पत्तियाँ प्रायः अवृत्त, अधिक या कम दीर्घवृत्ताकार आड्डति में, अग्रभाग रोंम रहित, किसी सिरे हल्के प्रांग्रकी-थोडे दत्तांकार के बिना।
पुष्पक्रम
फूल एकल, अवृत्त छोटी पत्तियों की बगल में और कम या अधिक वृत्तक आच्छद के सहित, बाह्यदलपुंज ५ बाह्ययदल अंडाकर से भालाकर सहित, दलपुंज साधारण, अन्दर की तरफ ५ सफेद गुलाबी-बैगंनी दल सहित, लम्बाई ३ से ५ मि॰ मी॰ तक एक पृष्ठीय उप अग्रक उग्राग उपस्थित १५ से २० पुकेंसर, बाहयदल पुंज नलिका के शिखर पर निविष्ट।
फूल
सम्पुटिका अस्फोटी, ४ से ५ मि.मि. लम्बाई में, शिखर पर एक अकेला तुष, पूरे मध्य में खुले हुए, २ से ८ बीजयुक्त।
बीज
गुर्दाकार, अन्त में सर्पिल चोंच की भांति, २ मि.मि. व्यास में, अतःकवच नलिकाकार होते है, ललिमा, भूरे से काले।
पौद्
(सीडलिंग)
बीजपत्र दीर्घवृत्ताकार भालाकार, वृत्तक, आकार में असमान, लम्बाई में १२ से १६ मि.मि. और चौड़ाई में ३ से ४ मि.मि., एक अन्य १० से १२ मि.मि. और २ से ३ मि.मि चौड़ाई में, रोेम रहित और मांसल। प्रथम पत्तियाँ सम्मुख, साधारण, एक बडे के सामने छोटी पत्तीयुक्त पेक्यूलियरिटि उपस्थित, एकतरण में, वृत सूक्ष्म होता है, सिरे पर फैला हुआ, पत्रफलक दीर्घायत गोलीय, रोम रहित, मांसल पत्तियों के द्वितीय जोड़ो से सुसज्जित अर्न्तवृतीय सहपत्र एक विस्तारयुक्त लम्बाग्र के मध्य में।
टिप्पणी
संदर्भ
-
गैलिनाये एम.,
मूर्डा के.
पिग्गिन सी.एम.
१९९९,
अपलैंड राइस
वीडस आफ साउथ एंड
साउथ ईस्ट ऐशिया,
आई.आर
.आर.आई.
फिलिपांइस।
-
रदनाकैलेस टी.,
मैक्सवैल जे.एफ.
१९९४,
वीडस आफ सोयबीन फिल्डस
इन थाइलैंड,
मल्टीपल
क्रोपिंग सैन्टर पब्लिकेशनस,
थाईलैंड।