Cyperus iria L. - CYPERACEAE - Monocotyledon

साईपरस इरिया


Synonymes : Chlorocyperus iria L. Rikli, Cyperus microiria Steud., Cyperus microlepis Baker, Cyperus panicoides Lam.

Common name : Rice flat sedge, umbrella sedge
Common name in Bengali : Barachucha
Common name in Hindi : Morphula, motha
Common name in Urdu : Bhoin

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पार्यायवाची

सामान्य नाम

राईस फ्लैट सेज, अम्बरेला सेज

बंगाली

बाराचूचा

हिन्दी

मॉरफूला, मोथा

उर्दू

भोईन

 

व्याख्या

मोथा एक वार्षिक शाकीय सेज है, गुच्छों में और ऊँचा, मुख्यतः एशिया में धान के खेतों में एक समस्या। यह जाति कुद पीली लाल धागेदार जड़ों, कुछ पीली, सामान्यतः खुली पुष्पक्रम और फूल के सबसे निचला सहपत्र पुष्पक्रम से हमेशा लम्बा होने के कारण पहचानी जाती है। भारत में मोथे के रस का उपयोग शक्तिवर्धन औषधी और पेट दर्द के उपचार के लिए किया जाता है।

 

जीव विज्ञान(बायोलोजी)

यह बीज से उत्पन्न होता है, एक पौधा ३००० से ५००० तक बीज पैदा कर सकता है। यह आर्श्चयजनक गुणक दर आंशिक रूप में बहुत अधिक संख्या में बीजों का बनना ओर आंशिक रूप में इसकी कम अवधि जीवन चक्र के कारण हैं। पौद् धान बोने के तुरन्त बाद दिखने लगती है, फूल लगभग एक महीने में निकलने है, बीज गिर कर उसी फसल में दूसरी पीढ़ी स्थापित कर सकते हैं।

 

परिस्थितिकी (इकोलॉजी) एवं वितरण

मोथा का जन्म स्थान अयनवृत्त एशिया है और बाद में यह सह-अयनवृत्त एशिया में पूर्ण रूप से फैला है। यह संसार में धान के खेतों में एक मुख्य खरपतवार है और बहुत देशों में यह उच्च भूमि में भी सामान्यतः पाया जाता है (यह २२ देशों में १७ फसलों में बताया गया है)

 

कष्टकप्रभाव (न्यूसीवीलाईट)

इसकी जड़ों, तनों और पुष्पक्रमों से रिसने वाला सांद्रित (सघन) द्रव्य धान की पौद के उगने, जड़ और नई डाली के विकास पर विपरीत प्रभाव डालता है।

 

खरपतवार प्रबन्धन

कर्षण विधि

स्टेल बैड तकनीक यानि जुताई करके और पानी लगाकर खरपतवार को उगने में सहायता करने  के बाद और फसल बोने से पहले फिर जुताई करना खरपतवार के भूमिगत बीज बैंक को कम करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। फसल बढ़बार के शुरुआती दौर में गुडाई करना या हाथ से उखाड़ना भी खरपतवार प्रकोप कम करने में सहायक होता है।

रासायनिक

उगने के उपरान्त ५०० ग्राम/है॰ ,-डी॰ या ग्रा॰/है॰ आलमिक्स डालना इस दबाने में प्रभावी होता है।

 

वनस्पति विज्ञान (बाटनी)

स्वभाव

सीधा खड़ा, वार्षिक, प्राय : जल स्थल में उगने की क्षमता वाला, २० सें॰ मी॰ से मीटर ऊंचा, शाक है।

जड़ें

कुछ पीली लाल धागेदार।

तना

गुच्छों में, -कोणीय, हरा, मूल में मटमैली गहरा लालीयुक्त

पत्तियाँ

संकरी भालेनूमा, सामान्यतः कल्म (तने) से छोटी, १० से ३० सें॰ मी॰ लम्बी और से मि॰ मी॰ चौड़ी हाशिये ऊपरी भाग में कुछ खुरदरे, समानान्तर नाडियां स्पष्ट रूप से दृश्य, अधरी मध्यनाड़ी उभरी हुई। मियान झिल्लीनूमा, तने को मूल (आधार) में ढके हुए।

पुष्पक्रम (इनफलोरिसैन्स)

सरल या यौगिक, सामान्यत खुला, २० सै.मी०तक लम्बा, पत्ती सहपत्र (सहपत्र चक्र) तीन से पांच, सबसे निचला पुष्पक्रम से लम्बा, बालियां लम्बी, प्रायः सद्यनः, छोटी खूंटियां सीधी खड़ी फैली हुई, समूहों में, से २४ फूल वाली, से १३ मि॰ मी॰ लम्बी, . से मि॰ मी॰ चौड़ी पीली, वार्तिकाग्र तीन, कणिश कवच-चौड़ा-अण्डाकार, से . मि॰ मी॰ लम्बा।

फल

छोटे, कणिश कवच से कुछ छोटे, अन्त का आधा भाग मूल आधार से चौड़ा, भूरा, आरपार त्रिकोणीय, से . मि॰ मी॰ लम्बा।

 

टिप्पणी

 

संदर्भ

-    होल्म एल जी. प्लकनेट डी.एल., पान्चो जे.बी, हरबरगर जे.पी. १९९१ वर्ल्डज वॉर्सट वीडज। डिस्ट्रीब्यूसन एण्ड बायोलोजी। ईस्ट वेस्ट सेन्टर वाई यूनिवर्सिटी प्रैस। हवाई

-    गालीनाटो एम. मूडी के. पिगिन सी.एम. १९९९ अप लैण्ड राईस वीडस ऑफ साऊथ एण्ड साऊथ ईस्ट एशिया। आई.आर.आर.आई. फिलीपीनस

-    रोडानाचालस टी. मैकसवैल जे. एफ. १९९४ वीडस ऑफ सोयाबीन फील्डज इन थाईलैण्ड। मल्टीपल करॉयिन्ग सेन्टर पब्ल्किेशनज। थाईलैण्ड।

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