सिरशियम आरवेन्स
पर्यायवाची
सामान्य नाम
करीपिंग
थिस्टल, कैनाडा थिस्टल
बंगाली
हिन्दी
कण्डाई
ऊर्दू
लेह, भुरभुर
व्याख्या
सिरशियम
आरवेन्स एक वार्षिक या
बहुवार्षिक जड़ी-बूटी है
जो ४० सें॰
मी॰ से
एक मीटर सें॰
मी॰अधिक
ऊँचा उगता है। यह
कांटेदार पत्तों और
गुलाबी फूलों से जाना
जाता है। इसकी जड़ें
सशक्त होती है जिनसे
अनियमित अन्तर पर नई
डालियाँ पैदा होती हैं।
इसकी पहचान इसके गोलाकार
पैबन्दों में उगने से
तथा हरेक पैबन्द में
एक हीं तरह क्लोन
और कभी-कभी केवल
नर या मादा।
जीव विज्ञान (बायोलोजी)
कलगी
बाले एकीने को कुछ
दूर-दराज
तक फैलाने का
एक तरीका मानते हैं।
लेकिन दूसरे प्रमाण दर्शाते
हैं कि बहुत सारी
कलगियां सिट्टे के
अन्दर हीं एकीने से
टूट जाती हैं। यह
जाति बीज ओर बहुवार्षिक
जड़ों दोनों से उत्पन्न
होती है। पाकिस्तान में
इसका फूल और फल
लगने का समय मार्च
से अप्रैल तक
होता है।
पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) एवं वितरण
एक
पौधा पहले एक या
दो सालों में कई
मीटर घेरे में फैल
सकता है। पाकिस्तान में
यह जाति पंजाब में
विशेषतः शुष्क या अर्धशुष्क
स्थितियों में पाई जाती
है। यह खेत की
सीमाओं तथा पानी की
नालियों के साथ-साथ भी
उगता है।
कष्टक प्रभाव (न्यूसीवीलाईट)
यह
२७ फसलों तथा ३७
देशों में खरपतवार के
रूप में रिपोर्ट किया
गया है। यह बहुत
से ठण्डे और उष्ण
सम शीतोष्ण कटिबन्ध
की एक दुष्टतम गोखरू
समस्या है। चरागाहों में
यह चारे का उपभोग
घटाता है क्योंकि पशु
ऊँचे या फैले हुए
पौधों के पत्तों पर
तीखे कांटों के
कारण इसके पास नहीं
चरते। पाकिस्तान में
यह मुख्यतः गेहूँ
के फसल में पाया
जाता है।
खरपतवार प्रबन्धन
कर्षण
विधि
स्टेल बैड तकनीक
यानि जुताई करके और
पानी लगाकर खरपतवार को उगने में सहायता करने
के बाद और फसल बोने से पहले फिर जुताई करना खरपतवार के भूमिगत बीज
बैंक को
कम करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। फसल बढ़बार के शुरुआती दौर में
गुडाई करना
या हाथ से उखाड़ना भी खरपतवार प्रकोप कम करने में सहायक होता है।
रासायनिक
उगने
के उपरान्त २,४-डी॰
५००
ग्रा॰/है॰ या मेटसलफ्यूरॉन ४
ग्रा॰/है॰ या उगने के कुछ
दिनों के अन्दर ०.७५
कि॰ ग्रा॰/है॰ वक्ट्रील-एम ४० ई॰
सी॰ (ब्रोमोजाईनिल + एम.सी.पी.ए.)
प्रयोग
करने से इसका प्रभावी
नियन्त्रण हो जाता है।
वनस्पति विज्ञान (बॉटनी)
सीधा
खड़ा,
बहुवार्षिक शाक विस्तृत रेंगने
के साथ, सफेद या
कुछ पीला, समानान्तर प्रकंद
(राइजोमज) ५ मीटर तक
या अधिक लम्बे।
जड़ें
मूसला
जड़ें, २ से ५
मीटर गहरी, विस्तृत धागेदार
अवशोषी मूलिकायें।
तना
सीधा
खड़ा,
नालीदार, ४० से १२०
सें॰ मी॰ ऊँचा, लगभग चिकना या
थोड़ा रोएंदार जब
युवा, आयु के साथ
बाल बढ़ते हुए, समानान्तर प्रकंदों
पर निकलती हुए
कई कोंपल।
पत्तियाँ
क्रमवार,
आयताकार से भालेनूमा, अधिकतम झुरीदार
छोर और कांटेदार किनारे,
बहुत अनियमित पालि (लोब्ज),
कांटे में समाप्त होती
हुई,
निचला हिस्सा पकने
पर बालयुक्त या
चिकना, ऊपरी पत्तियाँ बिना
डण्ठल के संकुचित मूल
तने से जुड़ने के
नीचे तक तने को
कांटेदार होने का प्रभाव
प्रदान करते हुए।
पुष्पक्रम (इनफलोरिसैन्स)
सिट्टे
पृथक लिंगी (नर और
मादा फूल अलग सिटटों
में),
झुण्डों में, छोर पर
और कांख में, २ से
२.५
सें॰ मी॰ व्यास, सहपत्र चक्र
१ से २ सें॰
मी॰ ऊँचा,
कई सहपत्र, एक-दूसरे पर
चढ़े हुए, बिना कांटे
के,
पुंकेसरी सिटटे आयताकार, स्त्रीकेसरी सिटटे
नुकीले अण्डाकार या
सुराही के आकार के।
धानी (पात्र) तुडदार, भूसायुक्त।
फल
आयताकार
एकीने, चिकना, चमकदार, लम्बाई में
बारीक नालीदार, टेढ़ी या
सीधी, थोड़ा या बहुत
चौकीणीय, चपटा, छोर बीच
में शंकुरूपक, २.५ से
४ मि॰
मी॰ लम्बा, हल्के से
गहरा भूरा, कोमल रोएंदार।
कोमल रोंवा परदार, सफेद या
कुछ भूरा, परदार बाल, २
मि॰ मी॰ लम्बे,
एकीने से आसानी से
अलग होने वाले (पतल शील), एकीने
के शिखर पर प्रक्षेप
छोड़ते हुए।
बीज
एक
बीज बीजकोष (फलीभित्ति) में केवल
एक बिन्दू पर
जुड़ा हुआ।
पौद् (सीडलिंग)
बीजपत्र
दीर्घ वृत्ताकार, बड़े और
लगभग बिना डण्ठल के।
पहले पत्ते हल्के हरे, भालेनूमा
बिना डण्ठल कांटेदार किनारों
वाले। नशे साफ दिखने
वाला सफेद जाला बनाती
हुई। ४ या ५
पत्तों की अवस्था पर
युवा जड़ें कई कोंपलयुक्त
जो भविष्य में
पौधे बनते हैं।
टिप्पणी
संदर्भ
-
होल्म
एल.जी., प्लकनेट
डी॰ एल., पान्चो जे. वी., हरबरगर
जे.
पी.
१९९१ द वर्ल्डज वॉर्सट
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-
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आंशिक एम. एण्ड अहमद
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२००१ मैनुअल ऑन
पंजाब वीडज (पार्ट-१)। डायरेक्टोरेट
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एगरीकल्चरल रिसर्च इन्स्टीट्यूट,
फैसलाबाद, पाकिस्तान।